संघर्ष नहीं सेवा से पहचान: चौरसिया समाज की महिलाएँ, घर-घर जाकर गृहणियों को समाजसेवा के लिए कर रहीं प्रेरित

संघर्ष नहीं सेवा से पहचान: चौरसिया समाज की महिलाएँ, घर-घर जाकर गृहणियों को समाजसेवा के लिए कर रहीं प्रेरित

छतरपुर के चौरसिया समाज की महिलाएँ इन दिनों अपनी समाजसेवा की भावना और प्रयासों के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि उनकी पहचान अब केवल पारिवारिक संघर्षों से नहीं, बल्कि सेवा कार्यों से है। समाज को और अधिक संगठित और मजबूत बनाने के लिए, महिलाएँ वरिष्ठ और युवा महिला समिति (प्रत्येक में 22-22 सदस्याएँ) बनाकर सक्रिय हुई हैं, और वे घर-घर जाकर अन्य गृहणियों को भी समाजसेवा के लिए प्रेरित कर रही हैं। वरिष्ठ महिला समिति की अध्यक्ष रश्मि चौरसिया हैं। इन महिलाओं ने नवरात्रि जैसे त्योहारों पर नशा मुक्ति और तंबाकू-गुटखा छोड़ने का संदेश देते हुए कई जागरूकता कार्यक्रम किए हैं। इनके सामाजिक कार्यों में अस्पतालों में फल वितरण, गरीब बच्चों को शिक्षा सामग्री देना, और विशेष रूप से मृत्यु भोज की जगह वाटर कूलर लगाने की पहल शामिल है। इस प्रेरणा को ज़मीन पर उतारते हुए, उन्होंने शहर के रंग समाज प्रसाद मुरली बस स्टैंड के पास एक वाटर कूलर भी स्थापित कराया है। इस तरह, चौरसिया समाज की महिलाएँ लगातार समाजसेवा के माध्यम से सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।