खराब रिज़ल्ट पर सख़्त कार्रवाई: 150 में से 20 शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी गई, रिश्वतखोरी का आरोप!

छतरपुर जिले में कक्षा 5वीं और 8वीं बोर्ड कक्षाओं का परिणाम खराब आने के कारण कई स्कूलों के शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। कलेक्टर के आदेश पर, खराब रिजल्ट के लिए ज़िम्मेदार हेडमास्टर और कक्षा अध्यापकों की वेतन वृद्धि रोकने के लिए डीपीसी को निर्देश दिए गए थे। हालांकि, 150 शिक्षकों को नोटिस दिए जाने के बावजूद, केवल 20 शिक्षकों के खिलाफ ही वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है, जिसके आदेश जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय द्वारा 22 मई 2025 को जारी किए गए। कार्रवाई में विसंगतियां सामने आई हैं, जैसे गांधीनगर स्कूल में प्रभारी हेडमास्टर की वेतन वृद्धि रोकी गई, लेकिन कक्षा अध्यापक को छोड़ दिया गया। वहीं, चिरिंदा प्राइमरी स्कूल में कक्षा अध्यापक की वेतन वृद्धि रोकी गई जबकि प्रभारी हेडमास्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, सिंगरावनपुरा स्कूल का परिणाम 20 फीसदी से अधिक होने के बावजूद, वहाँ के दोनों शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक शिक्षक अजय गुप्ता का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि 150 में से 130 शिक्षकों से 30 हज़ार रुपये प्रति शिक्षक की वसूली की गई है, और जिन शिक्षकों ने रिश्वत दी, उनके नाम सूची से हटा दिए गए। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ ऐसे स्कूल जिनका परिणाम शून्य प्रतिशत रहा, वहाँ के शिक्षक सुरक्षित हैं, जिससे पूरी कार्रवाई की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।