Computer Efficiency एक व्यक्ति की क्षमता को दर्शाता है जो कंप्यूटर और उनके तकनीकी प्रयोगों का आवश्यक और प्रभावी उपयोग कर सकता है। यह उन दस्तावेज़ों, फंक्शन्स, प्रोग्रामिंग, डेटा संग्रहण और उनके संबंधित प्रौद्योगिकियों को समझने की क्षमता है जिनका उपयोग कंप्यूटर प्रॉब्लमों का हल निकालने और कंप्यूटर सिस्टम को संचालित करने में किया जा सकता है।
Table of Contents
कंम्प्य़ूटर सिस्टम के साथ परिचित होना
कंम्प्य़ूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डेटा तथा निर्देशों को स्वीकार करता है और सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार ,परिणाम के लिए डेटा को प्रोसेस ,स्टोर अथवा डिस्प्ले करता है।
कंम्पयूटर का इतिहास
- अबेकस(Abacus) सबसे पहला एंव सरल यंत्र है। इसका अविष्कार 1602 ई. में चीन में किया गया था । इसका प्रयोग जोड़ने ,घटाने तथा वर्गमूल ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
- चालर्स बैवेज (Charles Babbage) को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। इन्होने 1857 ई. में एनालिटिकल इंजन का अविष्कार किया, जिसका प्रयोग सभी गणतीये संंक्रियाव को करने में किया जाता था।
- पास्कलाइन(Pascaline) का अविष्कार ब्लेज़ पास्कल (BlaisePascal) द्वारा 1642 ई. में किया गया था। यह प्रथम मकैनिकल एडिंग मशीन है , जो ओडोमीटर एंव घडी के सिंद्धांत पर कार्य करती है।
- ENIAC (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल्स इंट्रीग्रेटेर एंड कंप्यूटर) पहला डिजिटल कंप्यूटर था। इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मो ,इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था।
कंप्यूटर की पीढ़ियां
आधुनिक कंप्यूटरों के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागों में बांटा जाता है जिन्हें कंप्यूटर की पीढ़ियां कहा जाता है ये पीढ़ियां निम्न है
पीढ़ी | स्विचिंग डिवाइस | स्टोरेज डिवाइस | गति | ऑपरेटिंग सिस्टम | भाषा | विशेषताएं | उपयोग |
---|---|---|---|---|---|---|---|
प्रथम (1940-56) | वैक्यूम ट्यूब | मेगनेटिक ड्रम | मिली सेकंड | बैच ऑपरेटिंग सिस्टम | मशीनी भाषा (बाइनरी नंबर 0 ‘s और 1 ‘s ) | सीमित मुख्य स्टोरेज क्षमता मंद गति से इनपुट-आउटपुट | मुख्यतावैज्ञानिक और सामान्य व्यापार सिस्टम जैसे – ENIAC,UNIVAC,MARK – 1 आदि। |
द्वितीय (1956 -63) | ट्रांजिस्टर (सेमीकंडक्टर से बने) | मैग्नेटिक कोर टेक्नोलॉजी | माइक्रो सेकंड | मल्टी टास्किंग ,टाइम शेयरिंग | असेंबली भाषा,उच्चस्तरीय भाषा | ट्रांजिस्टर का उपयोग आरंभ, आकार और ताप में कमी, तीव्र और विश्वसनीये | व्यापक व्यावसायिक प्रयोग,इंजीनियरिंग डिजाइन, इन्वेंटरी अपडेशन |
तृतीय (1964 – 71) | इंट्रीग्रेटिड सर्किट (IC) (सिलिकॉन से बने) | मैग्नेटिक कोर | नैनो सेकंड | रियल टाइम /टाइम शेयरिंग | फोरट्रान ,कोबोल आदि | चुंबकिये कोर सॉलिड स्टेट का मुख्य स्टोरेज के रूप में उपयोग | डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम ; जैसे – IBMS System/360 आदि। |
चतुर्थ (1971 – वर्तमान) | बड़े पैमाने पर इंट्रीग्रेटेड सर्किट /माइक्रो प्रोसेस्सर्स | सेमीकंडक्टर मेमोरी ,विंचेस्टर डिस्क | पीको सेकंड | टाइम शेयरिंग नेटवर्क | फोरट्रोन 77 ,पास्कल ADA ,कोबोल – 74 | मिनी कंप्यूटर के उपयोग में वृद्धि | इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर ; जैसे IBM,PC-XT,एप्पल आदि |
पंचम (वर्तमान -आगे तक ) | सबसे बड़े पैमाने पर इंट्रीग्रेटेड सर्किट | ऑप्टिकल डिस्क | – | नॉलेज इनफार्मेशन प्रोसेसिंग सिस्टम | – | इनफार्मेशन मैनेजमेंट नेचुरल लेंग्वेज ,प्रोसेसिंग स्पीच कैरेक्टर , इमेज रेकोगिनिसेशन | आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI); जैसे – रोबोटिक्स |
कंप्यूटर के प्रकार
कम्पयूटरो को उनकी रूपरेखा , कार्य तथा उदेश्यों आदि के आधार पर विभिन्न वर्गो में विभाजित किया गया है जो निम्न है –
आकार के आधार पर
अकार के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते है
(i) माइक्रो कंप्यूटर ये कंप्यूटर अकार में इतने छोटे होते है की इन्हे डेस्क पर सफलतापूर्वक रखा जा सकता है। इन्हे कंप्यूटर ऑन ए चिप भी कहा जाता है ;जैसे – परसनल कंप्यूटर (PC) ,डेस्कटॉप कंप्यूटर ,लैपटॉप टैबलेट कंप्यूटर ,परसनल डिजिटल अस्सिस्टेंट आदि।
(ii) मिनी कंप्यूटर मध्यम अकार के इन कम्प्यूटरो की कार्य क्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक होती है।
मिनी कंप्यूटर की गति 10 से 30 MIPS होती है। जैसे – HP900,RISC 6000 आदि।
(III) मेनफ्रेम कंप्यूटर ये कंप्यूटर आकार ,कार्य क्षमता और कीमत में मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर्स दोनों से अधिक बड़े होते है।
इनका उपयोग कर्मचारियों का भुगतान करने ,उपभोक्ता द्वारा खरीदी गयी वस्तुओ का लेखा – जोखा रखने आदि कार्यो में किया जाता है ;जैसे – CRAY – 1 ,IBM 4381 आदि।
(IV) सुपर कंप्यूटर ये कंप्यूटर सर्वाधिक गति तथा संग्रह क्षमता वाले होते है इनका अकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है इनका उपयोग मौसम की भाविस्य्वाणी करने ,एनिमेशन , अंतरिक्ष आदि यात्रा के कार्यो में किया जाता है।
उदहारण – PARAM,PRATYUSH आदि।
कार्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
कार्य के आधार पर, कंप्यूटर विभिन्न प्रकार में आते हैं। ये कंप्यूटर उन कार्यों के आधार पर विभाजित होते हैं जिन्हें वे कर सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख कंप्यूटर के प्रकार:
- आनुगमन कंप्यूटर (Analog Computers): ये कंप्यूटर आनुगमन मूल्यों का प्रसंस्करण करने में सहायक होते हैं। वे आनुगमनिक मानों की समर्थना करते हैं और यह सिग्नल्स को वास्तविक समय में प्रसंस्करण करने के लिए उपयुक्त होते हैं।
- डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computers): ये कंप्यूटर डिजिटल आंकिक मानों की प्रसंस्करण करने के लिए उपयुक्त होते हैं। वे 0 और 1 के डिजिटल बिनरी मानों का उपयोग करके जानकारी प्रसंस्करण करते हैं।
- सर्वर (Server): सर्वर कंप्यूटर नेटवर्क पर जानकारी की प्रबंधन और संचालन के लिए उपयुक्त होते हैं। वे क्लाइंट कंप्यूटरों को सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि फ़ाइल स्टोरेज, डेटाबेस प्रबंधन, नेटवर्क सुरक्षा आदि।
- पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer): पर्सनल कंप्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए होते हैं। ये कंप्यूटर एक व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाते हैं और वे आमतौर पर डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट आदि में उपलब्ध होते हैं।
- वर्ग कंप्यूटर (Supercomputer): ये कंप्यूटर अत्यधिक गति और प्रोसेसिंग क्षमता के साथ बड़ी जटिल गणनाओं का समर्थन करते हैं। वे वैज्ञानिक अनुसंधान, मौखिक और ग्राफिक्स काम, मौसम पूर्वानुमान, जेनोमिक्स, आदि में उपयोग होते हैं।
- एम्बेडेड कंप्यूटर (Embedded Computer): ये कंप्यूटर अन्य डिवाइस में एक्सट्रा काम करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। वे उन उपकरणों में दिए जाते हैं जिन्हें किसी विशिष्ट कार्य के लिए तैयार किया जाता है, जैसे कि माइक्रोकंट्रोलर और सेंसर्स।
- वर्चुअल कंप्यूटर (Virtual Computer): ये कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का एक मिश्रण होता है जो एक वास्तविक कंप्यूटर की तरह कार्य करता है, लेकिन यह एक अन्य कंप्यूटर पर स्थापित होता है।
यह सिर्फ़ कुछ कंप्यूटर के प्रकार हैं, और वास्तविकता में और भी बहुत सारे प्रकार के कंप्यूटर होते हैं जो विभिन्न कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
उद्देश के आधार पर
उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर दो प्रकार के होते हैं
(i) साधारण प्रयोग कंप्यूटर (General Purpose Computers): ये कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने में सक्षम होते हैं, जैसे कि डेटा प्रोसेसिंग, गेमिंग, ग्राफिक्स, वेब ब्राउज़िंग, आदि। इन कंप्यूटरों का उद्देश्य विभिन्न वातावरण में विभिन्न कार्यों का समर्थन करना होता है।
(ii) विशिष्ट उद्देशय कंप्यूटर इनका उपयोग अंतरिक्ष विज्ञान,मौसम विज्ञान ,यातायात नियत्रण इत्यादि के लिए किया जाता है।
FAQ
कंप्यूटर दक्षता एक व्यक्ति की क्षमता है जिसमें वह कंप्यूटर का उपयोग करके जानकारी प्राप्त करने, संग्रहण करने, प्रसंस्करण करने और साझा करने में सक्षम होता है।
कंप्यूटर दक्षता महत्वपूर्ण है क्योंकि आजकल कंप्यूटर और तकनीकी उपकरणों का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में हो रहा है। यह हमें जानकारी प्राप्त करने, कार्यों को संगठित करने, और अनुभवों को साझा करने का एक माध्यम प्रदान करता है।
कंप्यूटर दक्षता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति कंप्यूटर का उपयोग नैतिकता, वेब ब्राउज़िंग, ऑफिस सूट का उपयोग, बेसिक प्रोग्रामिंग और डेटा संग्रहण की क्षमता आदि में विकसित कर सकते हैं।
कंप्यूटर सिक्षा एक प्रक्रिया है जिसमें लोगों को कंप्यूटर का सही तरीके से उपयोग करने की शिक्षा दी जाती है, ताकि वे जानकारी प्राप्त कर सकें, कार्यों को संगठित कर सकें और तकनीकी उपकरणों का ठीक से उपयोग कर सकें।
कंप्यूटर दक्षता में विभिन्न चरण होते हैं जैसे कि बेसिक कंप्यूटर इस्तेमाल, इंटरनेट ब्राउज़िंग, ईमेल संदेश भेजना, वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट एप्लिकेशन, बेसिक प्रोग्रामिंग, आदि।
कंप्यूटर दक्षता का होना आजकल के पेशेवर करियर में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बहुत सारे कार्य और नौकरियां तकनीकी ज्ञान और कंप्यूटर कौशल की मांग करती हैं, और कंप्यूटर दक्षता आपके पेशेवर विकास में मदद कर सकती है।
कंप्यूटर दक्षता को संवार्जित करने के लिए आप ऑनलाइन कोर्स, स्वयंसेवक संगठन, स्थानीय शिक्षकों या कॉलेजों से सिख सकते हैं। कई ऑनलाइन स्रोत जैसे कि Coursera, Udemy, Khan Academy आदि भी उपलब्ध हैं जो कंप्यूटर दक्षता में मदद कर सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि ये केवल एक संक्षिप्त सार हैं और विशिष्ट परिप्रेक्ष्य में अधिक जानकारी की आवश्यकता हो सकती है।
2 thoughts on “Quick Recap कंम्प्यूटर दक्षता”