मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो रही है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर छतरपुर जिले में मतदाता सूचियों का पूरा सर्वे किया जा रहा है। इसके तहत अब मतदाता सूचियों की मैपिंग की जा रही है। पहले और दूसरे चरण में यह पता लगाया जा रहा है कि जिले के कितने मतदाताओं का सत्यापन जरूरी है। जिले में करीब 14,27,994 मतदाता हैं, जिनमें से 35% यानी करीब 5 लाख मतदाताओं को अपनी पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज देना होंगे।
निर्वाचन आयोग ने जिले के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है ताकि मतदाता सूची में किसी भी तरह की त्रुटि न रहे।
2003 से पहले मतदाता बने लोगों की होगी जांच
जिले में जिन मतदाताओं का नाम 2003 से पहले जुड़ा है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई दस्तावेज नहीं दिया है, उन्हें पात्रता प्रमाण के लिए दस्तावेज देने होंगे। इसके अलावा जो मतदाता 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे हैं और जिनका नाम 1 जनवरी 2004 से पहले मतदाता सूची में जोड़ा गया था, उन्हें भी दस्तावेज देना जरूरी होगा।
मतदाता को 12 दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा
निर्वाचन आयोग ने पात्रता प्रमाण के लिए 12 दस्तावेज मान्य किए हैं। इनमें शामिल हैं –
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- पासबुक
- जन्म प्रमाण पत्र
- स्कूल प्रमाण पत्र
- पेंशन दस्तावेज
- मनरेगा जॉब कार्ड
- शपथ पत्र
- अन्य सरकारी प्रमाण पत्र
इनमें से कोई एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा।
6 महीने में होगी मतदाता सूची की अंतिम तैयारी
एसआईआईआर योजना के तहत छतरपुर जिले में यह काम शुरू किया गया है। जिले के सभी मतदान केंद्रों की समीक्षा की जा रही है। यह प्रक्रिया दिसंबर 2025 तक पूरी होगी।
स्थान बदल चुके लोगों को भी देना होगा दस्तावेज
यदि कोई व्यक्ति 2003 के बाद किसी दूसरे क्षेत्र या विधानसभा में स्थानांतरित हो गया है और वहां उसका नाम दर्ज है, तो उसे भी अपनी पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज देना होंगे।
निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि यह प्रक्रिया गोपनीय, सांविधिक और संवैधानिक होगी। किसी भी मतदाता की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी।