कंप्यूटर वायरस के नाम से हम एक पूरे सॉफ्टवेयर के समूह की पहचान करते हैं इन सभी सदस्यों में एक समानता है इन सभी में पुर्नउत्पादन की क्षमता होती है। ये सभी कंप्यूटर के डिस्क सेक्टर से या HOST सॉफ्टवेयर से जुड़कर पुर्नउत्पादन कर सकते हैं, तथा हमें इसका पता ही नहीं चलता है। वायरस का प्रभाव छोटी सी समस्या से लेकर विकराल रूप भी धारण कर सकता है ,कुछ वायरस थोड़ी परेशानी मात्र उत्पन्न करते हैं जैसे कि प्रत्येक 10 मिनट में मॉनिटर पर कोई अवांछनीय संदेश देना या पूरी डिस्क पर खुद को कॉपी कर लेना या किसी विशेष प्रकार की फाइल से जुड़ जाना आदि।
दूसरी और कुछ वायरसों के अत्यंत गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे की हार्ड डिस्क फॉरमैट कर देना,जिससे हमारा संपूर्ण डाटा गायब हो सकता है कुछ अन्य वायरस Motherboard को भी खराब कर सकते हैं जो परेशानियों के साथ-साथ खर्च भी बढ़ा देते हैं।
कुछ वायरस तथा ऐसे ही सॉफ्टवेयर हाल ही में काफी सुर्खियों में रहे हैं इनमें I LOVE YOU,KLEZ,CODE RED,NIMDA,MELIZZA,REDL,OF,BLASTER और CIH प्रमुख है। BLASTER WORM 30 मिनट में 330 हजार कंप्यूटर को संक्रमित करता है। ये कंप्यूटर मुख्यता Windows operating system चला रहे होते हैं BLASTER आम antivirus से बेअसर रहता है तथा इसमें Internet पर कार्य को अवरुद्ध करने की क्षमता है BLASTER के द्वारा वायरस बनाने वाले संक्रमित सिस्टम से डाटा को पढ़ सकते या खराब कर सकते हैं।
Table of Contents
कंप्यूटर वायरस के प्रकार
1.Boot sector Virus
हार्ड डिस्क फ्लॉपी डिस्क के Boot sector को संक्रमित करता है जैसे ही कंप्यूटर on किया जाता है यह वायरस मेमोरी में लोड हो जाता है एक बार शुरू होने के पश्चात यह वायरस डिस्क से डिस्क जाते हुए खुद को कॉपी कर सकता है Brain का एक प्रकार का Boot वायरस है ।
फ्लॉपी डिस्क के प्रयोग में गिरावट से इस प्रकार के वायरस आजकल कम प्रचलन में है अतिविकसित Boot sector वायरस अब Multi-partite वायरस में तब्दील हो गए हैं।
2.File Infecting Virus
यह वायरस Executable प्रोग्राम से जुड़े होते है। ये सामन्यत: अपने कोड को Encrypt कर देते है जिससे उनकी उपस्थिति का पता नहीं चलता है। इसप्रकार का वायरस सबंधित फाइल को प्रांरभ करने के Executable cammand को वश में कर लेते है। कमांड देने पर यह पहले खुद चलते है तथा इसके पश्चात यह कमांड की मूल फाइल को चला देते है जिससे सिस्टम सामन्य कार्य करता प्रतीत होता है।
यह वायरस अन्य Executable file से जुड़ जाता है। तथा अपना एक हस्ताक्षर छोड़ जाता है जिससे वह किसी एक फाइल को पून: संक्रमित न करे। यह वायरस विशेष तकनीक के जरिये छुप सकता है तथा इन्हे ढूढ़ना काफी कठिन कार्य है।
W32/CIH.SPACEFILLER एक प्रकार का File Infecting Virus है। यह एक खतरनाक वायरस है जो हमारे कम्यूटर के BIOS पर भी लिख देता है। यह टुकड़ो में बाटकर फाइल्स के बीच में छुप जाता है जिससे इसे ढूढ़ना मुश्किल हो जाता है।
3.Macro Virus
यह वायरस Macros पर प्रहार करता है। MS – OFFICE जैसे उत्पाद में Macros प्रयोग में आते है Macro के द्वारा MS – WORD तथा MS -EXCEL में कुछ कार्यो को स्वत: करने की क्षमता आ जाती है। इसमें एक Visual Basis भाषा का एक रूप प्रयुक्त होता है। सर्वप्रथम Macro Virus का नाम concept था।
Macro तथा Script Virus आज काफी प्रचलन में है Script Virus तथा Macro Virus में एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि Script Virus Multiple Product Environment में काम कर सकते है।
4.Multi – Partite Virus
यह दोहरा किस्म का वायरस है इसे Boot sector वायरस तथा file infecting वायरस का मेल कह सकते हैं यह संक्रमित फाइल्स के द्वारा फैलता है तथा खुद को Boot sector में लोड कर लेता है यह चक्र चलता जाता है अधिकतम नए प्रकार के वायरस इसी श्रेणी में आते हैं।
FAQ
सिस्टम सीधे बंद ना करें अक्सर लोग ब्राउजर बंद कर कंप्यूटर सीधे बंद कर देते हैं जो असुरक्षित है हमेशा सिस्टम ठीक से लॉग ऑफ करें ।
अपना पासवर्ड किसी को ना दें और ना ही उसे इधर – उधर कहीं लिखें ।
साइबर कैफे का इस्तेमाल ऑनलाइन बैंकिंग के लिए न करें, पर यदि करना पड़ गया तो तुरंत अपना पासवर्ड बदल दे।
हां ,कंप्यूटर पर पासवर्ड लगाना जरूरी है ताकि कोई दूसरा उसे खोल न सके इसके अलावा स्क्रीन सेवर पासवर्ड भी डालना चाहिए ।
अक्सर लोग ऑनलाइन बैंकिंग को सामान्य बैंकिंग की ही तरह समझ लेते हैं जबकि सामान्य बैंकिंग के मुकाबले इसमें बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है।